हम कोइरी कवारी
हम कोइरी कवारी छी
असगर सबपर भारी छी
जोइत कोइर उबजबै छी
अन्नक ढेर लगबै छी
किसानक नाम पर सान है
अपन गीत आ गान है
अपने धुनमे रमैछी
अन्नक ढेर लगबै छी
बाबा पुर्खा भन्टाबाला
हमरो कहै सब भन्टेबाला
भन्टे स पहिचान बनबै छी
अन्नक ढेर लगबै छी
कोइरी मोइरी संरल खाई
निमन भन्टा बजार लजाई
ऐ फकराके मेटबै छी
अन्नक ढेर लगबै छी
हरदम मेहनत करैछी
सबके पेट भरैछी
अटकल प्राण देह-देहके
हमही त बचबै छी
कोइरी,सिंह,कुशवाहा,महतो
मेहता,मौर्य,शाक्य,बर्मा
इ सबटा सब जाइत-पाइत
हमही त कहबै छी
मोहन कुमार महतो
२०७५/०५/२०
न.पा.गौशाला-४,रजखोर(महोत्तरी)